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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2647
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।

अथवा
मनोवृत्ति मापन में थर्स्टन की विधि का मूल्यांकन कीजिए।
अथवा
थर्स्टन की अभिवृत्ति की मापनी विधि का विश्लषण कीजिये।
अथवा
मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिये। मनोवृत्ति की थर्स्टन मापनी का उल्लेख कीजिये।

सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. थर्स्टन के मापनी के चरणों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
2. थर्स्टन विधि के गुण-दोषों का मूल्यांकन कीजिए।
3. अभिवृत्ति मापनी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
4. अभिवृत्ति का मापन किस प्रकार किया जा सकता है?

उत्तर -

मनोवृत्ति की परिभाषा
( Definition of Attitude )

मानव व्यवहार के मुख्यतः दो भाग होते हैं आन्तरिक व्यवहार एवं बाह्य व्यवहार। अभिवृत्ति का सम्बन्ध व्यवहार के आन्तरिक पक्ष से है। अभिवृत्ति शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द ( Aptus) से हुई है जिसका अर्थ योग्यता से है। अभिवृत्ति को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न भिन्न रूप में परिभाषित किया है, उनमें से कुछ प्रमुख परिभाषायें निम्नलिखित हैं-

आलपोर्ट (G. W. Allport, 1935) के अनुसार, “अभिवृत्ति मानसिक एवं स्नायुविक तत्परता की वह अवस्था है जो इससे सम्बन्धित सभी वस्तुओं, परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया पर निर्देशात्मक या गत्यात्मक प्रभाव डालती है।"

क्रेच, क्रचफील्ड एवं बैलकी (Krech, Cructh Field and Ballachey, 1962)ने लिखा है, “किसी सामाजिक वस्तु के प्रति विधेयात्मक या निषेधात्मक मूल्यांकनों तथा संवेगात्मक भावों एवं पक्ष अथवा विपक्ष में क्रियात्मक झुकावों की अपेक्षाकृत स्थाई प्राणालियाँ जोकि व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार में प्रदर्शित होती रहती हैं, अभिवृत्तियाँ कही जाती हैं।

 

अभिवृत्तियों का मापन
(Measurement of Attitudes)

व्यक्ति के अन्य व्यवहारों के समान अभिवृत्तियों का भी मात्रात्मक मापन किया जा सकता है। इसके लिये विभिन्न अभिवृत्ति मापनियों का प्रयोग किया जाता है। इनसे यह पता चलता है कि अभिवृत्ति की मात्रा एवं दिशा अनुकूल है या प्रतिकूल। इसके लिये अभिवृत्ति से संबंधित अनेक प्रश्न या कथन निर्मित किये जाते हैं और उनके प्रति व्यक्तियों की प्रतिक्रिया ज्ञात की जाती है।

मापनियों का वर्गीकरण
(Classification of Scales)

अभिवृत्तियों का मापन करने हेतु अधिकतर अप्रच्छन्न तकनीक (Non-disgiused Techniques) का प्रयोग किया जाता हैं। इसमें प्रश्न पहले से निश्चित संख्या में दिये रहते हैं। इसे संरचित मापनी (Structured scales) भी कहते हैं। यदि प्रश्न पहले से निश्चित नहीं है तो उसे असंरचित (Unstructured ) मापनी कहते हैं। अभिवृत्ति मापनी में कुछ प्रच्छन्न (Disguised) विधियाँ भी प्रचलन में हैं। अभिवृत्ति मापनी का वर्गीकरण निम्नलिखित हैं-

समभासी अन्तराल विधि
(Method of Equal Appearing Intervals)

अथवा 
थर्स्टन मापनी विधि
(Thurston's Scalling Method)

अभिवृत्ति मापने के लिये थर्स्टन एवं चेव (Thurston and Chave) ने सबसे पहले अभिवृत्ति मापनी बनायी। इसे इन्होंने अपने महत्वपूर्ण शोध पत्र “अभिवृत्ति मापी जा सकती हैं” में सन् 1929 में प्रकाशित किया। अभिवृत्ति मापने के लिये थर्स्टन ने कई मापनियों का प्रयोग किया जिसमें समाभासी अन्तराल विधि सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। थर्स्टन तथा चेव ने युद्ध, चर्च, मृत्युदण्ड आदि के प्रति यह मापनी तैयार की। इसकी मौलिकता यह है कि इसमें एकांशों के मूल्य निर्धारण के लिये निर्णायक प्रयुक्त होते हैं।

मापनी की संरचना के चरण (Steps of Structure Scale) थर्स्टन तथा चेव (Thurstone and Cheve) ने मापनी के निम्नलिखित चरण बताये हैं.

1. जिस वस्तु के प्रति अभिवृत्ति मापनी हो उसके पक्ष एवं विपक्ष में विभिन्न स्रोतों से से कथन तैयार किये जाते हैं।

2. इन कथनों को अनेक निर्णायकों को दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें ग्यारह क्रमों की चिट दी जाती है जिस पर A से K तक अक्षर अंकित होते हैं। निर्णायकों को इन्हें क्रम में व्यवस्थित करना होता है।

3. निर्णायकों को निर्देश दिया जाता है कि वे चिट के A कालम पर उन कथनों को रखें, जिसके वे अत्यधिक पक्ष में हैं, K कॉलम पर उन कथनों को रखें जिसके अत्यधिक विपक्ष में हैं तथा F कॉलम पर तटस्थ स्थिति वाले प्रश्नों को रखें।

A B C D E F G H I J K
अत्यधिक
अनुकूल 
तटस्थ तटस्थ तटस्थ तटस्थ तटस्थ
तटस्थ तटस्थ तटस्थ तटस्थ
अत्यधिक
प्रतिकूल

 

4. ग्यारह बिन्दु मापनी पर दिये गये मूल्य का मध्यांक ज्ञात किया जाता है। ये मध्यांक ही कथन का मापनी मूल्य होते हैं।

थर्स्टन विधि के गुण (Merits of Thurston's Method) - इस विधि के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-

1. यह विधि सरल है। इसकी सहायता से शीघ्रतापूर्वक किसी व्यक्ति की अभिवृत्ति को माप सकते हैं।
2. कथनों के मूल्यांकन में निर्णायकों के प्रयोग से इसकी विश्वसनीयता बढ़ती है।
3. कथनों के वर्गीकरण में ग्यारह बिन्दु होने से कथनों की छँटनी सूक्ष्मता के साथ की जा सकती है।

थर्स्टन विधि के दोष (Demerits of Thurston's Method) - थर्स्टन विधि के प्रमुख अवगुण निम्नलिखित हैं-

1. कथनों के मूल्यांकन पर निर्णायकों के विचारों का प्रभाव पड़ता है जिससे इसकी विश्वसनीयता प्रभावित होती है।

2. इसमें कथन की विभेदन शक्ति को निर्धारित करने में कोई ठोस उपाय नहीं दिया गया है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
  2. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
  3. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
  5. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
  6. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  7. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
  14. प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
  15. प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
  16. प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
  18. प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
  20. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
  22. प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  23. प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
  24. प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
  25. प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  26. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
  28. प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
  29. प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
  30. प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  34. प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
  35. प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
  36. प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  37. प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  39. प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
  40. प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
  42. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
  48. प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
  49. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  51. प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  53. प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  57. प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  58. प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
  60. प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
  61. प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
  64. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
  66. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
  67. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
  69. प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
  71. प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
  72. प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
  73. प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
  76. प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
  83. प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
  85. प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
  88. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
  89. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  90. प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
  91. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।

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